Search This Blog

Thursday, August 20, 2015

बिहार राज्य खेल प्राधिकरण : Bihar State Sports Authority : कला संस्कृति एव युवा विभाग/बिहार राज्य खेल प्राधिक...

बिहार राज्य खेल प्राधिकरण : Bihar State Sports Authority : कला संस्कृति एव युवा विभाग/बिहार राज्य खेल प्राधिक...: बिहार राज्य खेल प्राधिकरण. Bihar State Sports Authority                                   पटेल मैदान, सहरसा में आयोजित जिला स्तरीय महिला ख...

Tuesday, June 16, 2015

क्रिकेट नहीं कुरसी की चिंता


पटना. बिहार के खेल संघ नहीं चाहते कि बिहार में क्रिकेट बहाल हो. वे बस संघ और अपनी कुरसी के लिए काम करते हैं. मंगलवार को कंकड़बाग स्थित शाखा मैदान पर बिहार क्रिकेट बचाओ संघर्ष समिति ने बीसीए के अधिकारियों और खिला
ड़ियों के बीच एक ‘संवाद’ बैठक रखी थी. इसमें क्रिकेट अधिकारियों के अलावा कुछ पूर्व खिलाड़ी और मौजूदा में क्रिकेट का वनवास झेल रहे खिलाड़ियों ने भाग लिया.


टालमटोल ही करते रहे शर्मा
बीसीए के मानद सचिव अजय नारायण शर्मा से खिलाड़ियों ने कई गंभीर सवाल किये, पर शर्मा हर सवाल पर या तो गोल-मटोल जवाब देकर बचने की कोशिश करते रहे या संघ की बैठक में जवाब देने की बात कहते रहे. हालांकि उनसे जब क्रिकेट के लिए उनके द्वारा कदम उठाने और संघों के बीच के विवाद को खत्म करने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें 15 दिन का समय दिया जाये. वे अपने अधिकारियों से विमर्श करने के बाद इसका हल निकालेंगे.

पैसों के हिसाब पर मुकरे
शर्मा से जब खिलाड़ियों ने बीसीए के अकाउंट में आनेवाले धन और उसका खेल के मदों पर होनेवाले खर्च के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इस बारे में बताने से इनकार कर दिया और कहा कि ऐसी बाते सब के सामने नहीं की जाती.

मैदान का रोना
शर्मा ने मंगलवार को भी सूबे में मैदान न होने तथा मौजूद मैदान को बीसीए को न मिलने का रोना रोया, पर खिलाड़ियों ने जब मोइनुल हक स्टेडियम नहीं बुक किये जाने का कारण पूछा तो उन्होंने सारा ठिकरा बिहार सरकार के अधिकारियों पर फोड़ा.

संघों के कार्य प्रणाली पर सवाल
क्रिकेटरों ने आरोप लगाया कि टीम के चयन में पारदर्शिता नहीं बरती जाती. लीग सहित सभी टूनार्मेंट लगातार नहीं होते. लाखों के फंड रहने के बावजूद पैसों की किल्लत का बहाना बनाया जाता है. मैदान की किल्लत का बहाना बनाते है. क्रिकेट को बदहाल करनेवाले क्लब, जिला संघ और अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं होती. यहां तक कि खिलाड़ियों का चयन भी पैसा लेकर किया जाता है.
एसोसिएशन आॅफ बिहार क्रिकेट के बारे में खिलाड़ियों ने कहा कि यह संघ सिर्फ मान्यता की बात करता है. पिछले कुछ वर्षों से इस संघ ने भी क्रिकेट मैच नहीं कराये. संघ के अधिकारियों ने अब तक बिहार क्रिकेट की बहाली के लिए कोई बड़ा प्रयास नहीं किया है.