प्यार एक खूबसूरत बंधन |
प्यार एक खूबसूरत बंधन है जो जिंदगी के हर मोड़ पर साथ निभाने का भरोसा दिलाती है। प्यार विश्वास
कावो रास्ता है जिस पर जिंदगी का सफ़र आप अपने साथी के साथ आँख मूंद कर भी तय करना चाहते हैं। पर यह प्यार आज के ज़माने का न होकर पिताजी के ज़माने का हो गया है। आज के प्यार में वो सादगी और सच्चाई नहीं रही। आज तो मोहब्बत बाजारू नज़र आती है। वैलेंटाइन वीक आया है। बाज़ार प्यार के तोहफ़ो से लदा है, हर आदमी की जेब के हिसाब से तोहफे बिक रहे हैं। ऐसे में एक नया ट्रेण्ड शुरू हो गया है, ‘जितना मंहगा गिफ्ट उतना ज्यादा प्यार’। ये नया ट्रेंड आजकल के युवाओं में ज्यादा देखने को मिल रहा है। पूरे वैलेंटाइन वीक को कुछ इस तरह बनाया गया है कि लगभग हर दिन कुछ-न-कुछ गिफ्ट देना ही पड़ता है। बाज़ार के हिसाब से पूरा वैलेंटाइन वीक बना है। ऱोज डे, प्रोपोज डे, चाकलेट डे, टेड्डी डे, किस्स डे, हग डे और अंत में वैलेंटाइन डे, सारे क्रमबढ़ तरीके से आते हैं, और इन सब के लिए अलग अलग तोहफा। प्यार इतना भी महंगा होगा ये किसी ने सोचा भी न होगा । शायद लैला-मजनू या शीरी-फरहाद तो इसे ऐफ्फोर्ड नहीं कर पाते। क्या आज रिश्ते इन उपहारों के मोहताज़ हो गए हैं?
कठिन है निभाना प्यार, नामुमकिन कुछ भी नहीं ! |
कुछ लोगों का कहना है कि ये दिन प्यार ज़ाहिर करने के लिए बनाये गए हैं। लेकिन प्यार तो भावनाओं और आत्मा का संगम है। जो बात एक छोटा सा गुलाब कह सकता है हीरे की अंगूठी नहीं। वैसे भी जहां से ये वैलेंटाइन डे शुरू हुआ है वहीँ प्यार, भावनाओं और रिश्तों की अहमियत नहीं समझी जाती? सिर्फ प्यार की बातें करने से या प्यार के नाम एक दिन कर देने से कुछ नहीं होने वाला। प्यार जिंदगी भर का साथ मांगता है दो पल का अहसास नहीं। प्यार को फिर भी ऐसे दिनों की ज़रूरत क्यों पड़ी? क्या तरक्की के इस दौर में हम रिश्तों की अहमियत सिर्फ दिखावा है? आज प्यार, प्यार नहीं बल्कि दिखावा नज़र आता है। रिश्ते मूल्य खोते जा रहे हैं बच गया है तो सिर्फ और सिर्फ दिखावा जो औपचारिकता के शक्ल में बेबस नज़र आता है। प्यार के इस बदलते स्वरूप को देखकर तो यह लगता है, कि आज हम इन ढाई आखर में छुपी भावनाओं को भूलते जा रहे हैं। ‘इष्क-मोहब्बत’ तो बस किताबों और फिल्मों में ही अच्छे लगते हैं। आजकल के युवा तो हर वैलेंटाइन डे तो अलग-अलग साथी के साथ मनाते नज़र आते है। प्यार पल में होता है और पल में खत्म भी हो जाता है। ये कैसा प्यार है, जो बदलता रहता हैं?
ऐसा भी नहीं है, कि आज के समय में प्यार पूरी तरह से बाजारू हो गई है। आज भी प्यार जैसे पावन शब्द की पवित्रता को समझने वाले लोग हैं। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहाँ प्यार की खातिर लोग जान तक कुर्बान कर देते हैं। प्यार की खातिर समाज से लड़ जाते हैं, कहीं-कहीं जाति-धर्म के बंधनों को भी प्यार ने ही तोड़ देते हैं। भले हीं उस प्यार को हम दो दिन ही याद रखते हैं पर उस प्यार को सभी दिल से सलाम करते हैं। सभी उस प्यार को चाहते है और चाहते है कि कोई उन्हें चाहे तो वैसे ही चाहे। फिर पता नहीं इस दिखावे की मृग-मरीचिका के पीछे क्यों भागते हैं?
Your blog is interesting. I had the great pleasure of visiting him.
ReplyDeleteHave a nice weekend.
Best wishes
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ReplyDeletesahi hai .gud 1
ReplyDeleteबहुत सही बात कही
ReplyDeleteसुन्दर पोस्ट
आभार
'सी.एम.ऑडियो क्विज़'
हर रविवार प्रातः 10 बजे
why a day , not the whole life is devoted for love ? perhaps due to the fear of somekind.
ReplyDeleteप्यार को तलाशने के प्रयास का स्वागत.
ReplyDeleteआप सभी का मेरे प्रयास को सराहने के लिए शुक्रिया
ReplyDeleteआशा है आगे भी आप लोगो की सेवा करता रहूँगा,
और आपका प्यार पाता रहूँगा !
लेखन अपने आप में ऐतिहासिक रचनात्मक कायर् है। आशा है कि आप इसे लगातार आगे बढाने को समपिर्त रहें। शानदार पेशकश।
ReplyDeleteडॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
सम्पादक-प्रेसपालिका (जयपुर से प्रकाशित हिंदी पाक्षिक)एवं
राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)
0141-2222225 (सायं 7 सम 8 बजे)
098285-02666
खूबसुरत प्यार का वास्तविक यथार्थ.
ReplyDeleteहिन्दी ब्लाग जगत में आपका स्वागत है, कामना है कि आप इस क्षेत्र में सर्वोच्च बुलन्दियों तक पहुंचें । आप हिन्दी के दूसरे ब्लाग्स भी देखें और अच्छा लगने पर उन्हें फालो भी करें । आप जितने अधिक ब्लाग्स को फालो करेंगे आपके अपने ब्लाग्स पर भी फालोअर्स की संख्या बढती जा सकेगी । प्राथमिक तौर पर मैं आपको मेरे ब्लाग 'नजरिया' की लिंक नीचे दे रहा हूँ आप इसका अवलोकन करें और इसे फालो भी करें । आपको निश्चित रुप से अच्छे परिणाम मिलेंगे । धन्यवाद सहित...
http://najariya.blogspot.com/